कर्म बड़ा है या भाग्य ?
शास्त्रों और पुराणों के अनुसार कर्म को ज्यादा महत्व दिया गया है।
भाग्य कैसे बनता है?
जो भी क्रिया हम आज करते हैं, वह कल भाग्य बनकर हमें वापस मिलता है।
कहां जाता है जो भाग्य है वह हम खुद बनाते हैं
भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता में कहते हैं।
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि॥
अर्जुन तेरा कर्म करने में अधिकार है फल में नहीं।इसलिए हमें फल को त्याग कर अच्छे कर्म करना चाहिए।
8 Comments
👌👌👌
ReplyDeleteBadiya
ReplyDeleteJai Shri Krishna♥️♥️
ReplyDeleteJai Shri Krishna
ReplyDeleteJai shri Krishna🙏🙏
ReplyDeleteJai Shri Krishna😊😊
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा
ReplyDeleteJai Shri Ram🙏🙏
ReplyDelete