भगवान को लहसुन प्याज का भोग क्यों नहीं लगता?
आयुर्वेद में लहसुन प्याज को अमृत बताया गया है।लहसुन प्याज को खाने से बहुत सी बीमारी से बचा जा सकता है।
पुराणों के अनुसार जब देवासुर संग्राम हुआ था।उस समय समुद्र मंथन से अमृत निकला।अमृत को पाने के लिए राक्षस और देव आपस में लड़ने लगे।तब भगवान श्री हरि नारायण ने मोहिनी अवतार लिया।तब राक्षस भगवान नारायण के मोहनी अवतार को देखकर मोहित हो गए।तब भगवान नारायण ने देवताओं को अमृत पिलाया और राक्षसों को जल।उसी में से एक राक्षस को पता चल गया जिसका नाम था स्वर भानु।उस राक्षस ने धोखे से अमृत पी लिया।इसको अमृत पीने से सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया।सूर्य और चंद्रमा ने भगवान को बता दिया। भगवान ने फिर अपने चक्र से उसका सर अलग कर दिया।
अमृत पीने के कारण स्वर भानु मरा नहीं।उसका सर राहु और नीचे का हिस्सा केतु की तो कहलाया।
जब स्वर भानु अमृत पी रहा था, उसी समय भगवान ने उसका सर अलग कर दिया और उसके गले से अमृत की दो बूंदे धरती में गिर गई जिससे एक बूंद लहसुन बनी और दूसरी बूंद प्याज बनी ।
एक राक्षस के गले से लहसुन प्याज की उत्पति हुई इसलिए भगवान को लहसुन प्याज का भोग क्यों नहीं लगता
3 Comments
Jai shri ram♥️♥️
ReplyDeleteJai shri ram
ReplyDeleteHari om😊😊
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