चारों युगों में भगवान कैसे होते हैं?
शास्त्रों और पुराणों में बताया गया है कि हर युग में भगवान का रंग अलग-अलग होता है।
1) सतयुग में भगवान का रंग श्वेत रंग का होता है।सतयुग में भगवान को प्राप्त करने की विधि ध्यान है।सतयुग में भगवान ध्यान से प्राप्त होते हैं।
2) त्रेता युग में भगवान का रंग लाल रंग का होता है।त्रेतायुग में भगवान को प्राप्त करने की विधि यज्ञ है।त्रेता युग में भगवान यज्ञ और हवन से प्राप्त होते हैं।
3) द्वापर युग में भगवान का रंग श्याम वर्ण का है।द्वापर युग में भगवान पूजा पाठ से प्राप्त होते हैं।
4) कलयुग में भगवान का रंग गोरा रंग का है।कलयुग में भगवान सिर्फ नाम कीर्तन से प्राप्त होते हैं।
रामचरितमानस में भी तुलसीदास जी लिखते है।
4 Comments
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ReplyDelete🙏🙏🙏🙏🙏
ReplyDelete❤️❤️❤️❤️❤️❤️
ReplyDeleteJai Shri Ram😊😊😊
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