वेद
वेद भारत के सबसे प्राचीन ग्रथ है। हिन्दू धर्म में वेदो को सबसे पवित्र माना जाता है। पुराणों में यह उल्लेख मिलता है भगवान नारायण के स्वासो से वेदो की उत्पत्ति हुई है। वेदो का अर्थ है ज्ञान। इसमें आर्यो के आगमन और बसने की भी जानकारी भी मिलती है।
हिन्दू धर्म में प्रमुख चार वेद है।
1)ऋग्वेद 2) यजुर्वेद 3) सामवेद 4)अर्थवेद
ऋग्वेद
ऋग्वेद सबसे पुराना वेद है। कहा जाता है यह अपने आप में सम्पूर्ण वेद है। यह सबसे प्राचीन वैदिक ग्रथ है इस वेद की रचना सप्त सेंधव क्षेत्र में हुई थी।
ऋग्वेद में 10 मण्डल है 1028 श्लोक (1017 सूक्त और 11 बालखिल्य और लगभग 10,600 मंत्र है। )
ऋग्वेद में 10 मण्डल है 1028 श्लोक (1017 सूक्त और 11 बालखिल्य और लगभग 10,600 मंत्र है। )
ऋग्वेद में अग्नि , सूर्य इंद्रा ,वरुण देवताओ की स्मृति में रची गयी है। ऋग्वेद में दूसरे से सातवे मंडल तक का ऋग्वेद का श्रेष्ठ भाग है। ।
ऋग्वेद में :ब्राह्मण , क्षत्रिय, वेश्य और सूद्र का उल्लेख दिया गया है। गायत्री मंत्र का उल्लेख
ऋग्वेद का उपवेद आयुर्वेद है। आयुर्वेद के कर्ता धन्वतरि देव है। ऋग्वेद में है।
यजुर्वेद
यजु का अर्थ होता है "यज्ञ"यजुर्वेद द में यज्ञों के नियम और उसके बारे में बताया गया है।यजुर्वेद कर्मकांड प्रधान ग्रंथ है।इसका पाठ करने वाले को ब्राह्मण का गया है
यजुर्वेद को 2 भागो में बाटा गया है
1) कृष्ण यजुर्वेद
2)शुक्ल यजुर्वेद
सामवेद
साम का अर्थ गीती है। यह भारतीय संगीत का स्तोत्र माना जाता है।
सामवेद के 1824 मंत्र है। इस वेद में 75 मंत्र को छोड़कर शेष मंत्र ऋग्वेद से ही लिए गए है। इसमें सविता , अग्नि , और इंद्रा देवताओ के बारे में बताया गया है। सामवेद में मुख्य 3 शाखाएं है ,
अर्थवेद
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